शिक्षा संकुलों पर अटैचमेंट वाले शिक्षकों की जानकारी लेना शुरू: अटैचमेेंट वाले शिक्षक अधिकारियों के साथ मिलकर शिक्षा जगत का करते थे भरपूर शोषण..!!

 कोलारस समाचार। शिवपुरी जिले में नवीन जिला शिक्षाधिकारी अशोक श्रीवास्तव ने पदभार ग्रहण करते ही शिक्षा जगत को नई दिशा देना शुरू कर दिया है। पदभार संभालते ही उन्होनें सर्व प्रथम अटैचमेंट वाले शिक्षकों को मूल पदस्थापना वाले विद्यालयों में पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कोलारस परगने के सभी संकुलों पर उक्त मामले से संबधित आदेश प्रदान कर दिए गए हैं। जिसके चलते सभी विद्यालयों से संकुलों पर अटैचमेंट संबधी जानकारियां देना शुरू हो गई हैं। इस वावत आज जिले में बैठक भी बुलाई गई है। हालाकि कोलारस परगने में उक्त शिक्षकों की संख्या आधा दर्जन ही बताई जा रही है। अटैचमेंट के चलते विद्यालयों में शिक्षा की व्यवस्था लगातार बिगडती जा रही थी। ज्यादातर शिक्षकों के अटैचमेंट उन विद्यालयों से ही बताए जा रहे हैं जो या तो सडक से दूर हैं, या जंगल इलाकों में बसे ग्रामीण अंचल वाले विद्यालयों में से हैं। अटैचमेंट के खेल के चलते कई शिक्षक जिन विभागों में नियुक्त हैं वहां जरूरत न होने के बाद भी आराम से अपनी नौकरी कर रहे थे। इसमें शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का उनसे खासा तालमेल रहता था। उक्त शिक्षक समय-समय पर अधिकारियों की जी हुजूरी और सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने के लिए भी हर समय हाजिर रहते थे। शिवपुरी जिले में लगातार विसंगति पूर्ण हुए ढेरों अटैचमेंटो को लेकर आवाजें बुलंद होती रही हैं किंतु वरिष्ठ अधिकारी छुट-मुट जांचे कराकर उक्त मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया करते थे। इस अटैचमेंट के खेल में पुरूष शिक्षकों से अधिक महिला शिक्षकों की भागीदारी होना सोचनीय विषय था। ढेरों अटैचमेंटो के चलते शिक्षक शिक्षा जगत से दूर होता जा रहा था और पर्दे के पीछे से राजनीति में बढ-चढकर भाग लेने लगा था। जिससे नियमित ड्यूटी करने वाले शिक्षकों की मानसिकता पर भी विपरित प्रभाव पड रहा था। अपनी राजनैतिक पकड के चलते ऐसे ही शिक्षक जनपद पंचायत, जिला पंचायत, बीईओ कार्यालय, डीईओ कार्यालय में भी काबिज हो गए थे। नवीन डीईओ द्वारा शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए यह उत्तम निर्णय लिया गया है, जिसकी समस्त शिक्षा विभाग भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहा है।

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