सरपंच सचिवों के धुंधले बिल अपलोड करके छुपाया जा रहा है लाखों का घोटाला

लवकुश शर्मा
कोलारस - कोलारस जनपद पंचायत में कुछ समय पहले ही सरपंच द्वारा विभाग द्वारा मांगे जा रहे कमीशन को लेकर प्रभारी मंत्री से शिकायत की थी आज हालत यह हैं कि कोलारस जनपद पंचायत अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज पर चलती दिखाई दे रही है  म. प्र. सरकार द्वारा पंचायतों में किए जा रहे भुगतानों में पारदर्शिता लाने के लिए चाहे कितने भी प्रयास क्यों न किए गए हों, लेकिन सरपंच-सचिवों की मिलीभगत से उसमें कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार के रास्ते निकाल ही लिए जाते हैं। तमाम नियमों के बावजूद अधिकांश पंचायतों जिनमे चंदोरिया, खरई, अटामानपुर, बैरसिया, भडोता, मोहरा, धुंआ, देहरोद  सहित अन्य पंचायतों द्वारा खुलेआम बिना टिन नंबर एवं जीएसटी नंबरों के बिलों पर लाखों का भुगतान किया जा रहा है एवं पंचायत दर्पण में लगने बिल जान बूझकर धुंधले करके अपलोड किए जाते है जिससे शासन को जहां एक ओर लगातार राजस्व की क्षति हो रही है। वहीं जितना भुगतान पंचायतें करती हैं, उसमें आधा कार्य भी नहीं हो रहा है, जो हो रहा है वह भी घटिया स्तर का हो रहा है। पूरे मामले में कहीं न कहीं अधिकारियों की भी मिली भगत हो सकती है, जो शिकायतों के बावजूद फर्जी बिलों पर हजारों-लाखों का भुगतान करने वाले सरपंच सचिवों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे सरपंचों एवं सचिव मिलकर पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार एवं फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। आश्चर्य तो इस बात का है कि इन फर्जी बिलों का भुगतान भी अधिकारी आंख बंदकर कर रहे है अस्तित्वहीन फर्मों के बिलों पर भुगतान का मामला कोई एक पंचायत का नहीं है। अधिकांश पंचायतों में ऐसे फर्जीवाड़े सतत रूप से चल रहे हैं। जिनकी यदि गंभीरता से अधिकारियों द्वारा जांच की जाए तो पंचायतों में किए जा रहे बड़े गबन सामने आ सकते हैं। वहीं कुछ ऐसे मटेरियल सपलायर हैं, जिनकी न तो दुकान और न फर्म का रजिस्ट्रेशन है, लेकिन पंचायतों द्वारा फर्जी बिलों की आड़ में बड़े भुगतान करके अपने घर भरे जा रहे हैं यह भ्रष्टाचार बड़े स्तर पर नीचे से उपर तक मिलीभगत से हो रहा है, जिसकी जांच समय रहते आवश्यक है।
Previous Post Next Post