पंचायत मुख्यालयों से हुआ सचिवों का मोहभंग, दर्शनों को तरसते ग्रामीण: सचिवों ने कोलारस, बदरवास, गुना व शिवपुरी में बना रखे हैं आलीशान मकान..!!

कोलारस। गांधीजी के सपनों को साकार करने के लिए प्रदेश में ग्राम स्वराज की स्थापना की जाकर ग्रामीण विकास की सैकड़ों योजनाओं का खाका तैयार किया गया। यहीं नहीं पंचायती राज की अवधारणाओं को मूर्त रूप देने के लिए गांव-गांव में पंचायत सचिवों को नियुक्त किया गया जो शासकीय कर्मचारी के रूप में शासन की याजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकें, परन्तु देखने में आ रहा है कि कोलारस जनपद विभाग से पंचायत सचिवों का ग्रामीण क्षेत्रों में मोहभंग होता जा रहा है। सचिव ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर निवास न करते हुए कोलारस, बदरवास, गुना एवं शिवपुरी में निवास कर रहे हैं। जो महिने में कभी कबार पंचायत मुख्यालय आते हैं, ऐसे में ग्रामीणों का परेशान होना स्वाभाविक है। लेकिन सचिवों को ग्रामीणों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। यही प्रमुख कारण है कि वह सरकारी खजाने को खाली कर निर्माण कार्याे में धांधलियो को अंजाम देकर आलीशान इमारतें तानकर शहरी क्षेत्रों में निवास कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर ग्रामीण सचिवों को तलासते हुए कोलारस जनपद व उनके निवासों के चक्कर काटने के लिए विवश बने हुए हैं।

पंचायतों में नहीं रहते सचिव: कोलारस जनपद की दो दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां सचिवों के पंचायत क्षेत्र में दर्शन ही हो जाएं तो बहुत बड़ी बात है। यदि पंचायतों में निवासरत ग्रामीणों की मानें तो उक्त ग्राम पंचायतों के सचिव बदरवास, कोलारस सहित शिवपुरी शहर में निवासरत हैं। जिसके चलते ग्रामीणों को अपने कार्यों को लेकर कोलारस अथवा शिवपुरी भागना पड़ता है। अगर सचिव अपने घर नहीें मिलता तो ग्रामीणों को वापस लौटना पड़ता है। अथवा फिर मन मारकर कार्यों को कराने का सपना ही निरस्त करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ पंचायत सचिवों से प्रतिदिन ग्रामीणों का पाला पड़ता है। लेकिन पंचायत स्तर पर सचिवों के न रहने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित शासकीय योजनाओं के लाभ से बहुत से ग्रामीण अनभिज्ञ हैं जिससे शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। ग्रामीण परेशान है कि वह रोजगार मांगे तो किससे मांगे, अपने अन्य कार्यों को कराने जाएं तो किसके पास।

कोलारस-शिवपुरी में बना लिए खासे मकान: विगत वर्ष जिले के अधिकारियों द्वारा की गई जांच में एक दर्जन से अधिक सरपंच-सचिवों के खिलाफ न केवल घोटालों के आरोप प्रमाणित पाए गए थे बल्कि जांच अधिकारियों ने तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने आवेदन तक प्रस्तुत किए थे। ऐसे घोटालों में लिप्त सरपंच-सचिव कोलारस व शिवपुरी की विभिन्न कालोनियों में भव्य इमारतों का निर्माण कर मजे कर रहे हैं। परन्तु उनके खिलाफ आज तक भ्रष्टाचार अधिनियम व धोखाधड़ी के प्रकरण दर्ज नहीं होने से वह शासकीय योजनाओं में पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।

मुख्यालय पर ही रूकेगें सचिव: सीईओ गुर्जर
मुख्य कार्यपालन अधिकारी आफीसर सिंह गुर्जर ने कहा कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। यदि सचिव मुख्यालय पर निवास नहीं कर रहे हैं तो गलत है। हम इस मामले की जांच कराएगें। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरूद्व शासन को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई संस्थित कराएगें।
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